coder दिल

वो आई जिस दिन ऑफिस में
हर लौंडा डामाडोल हुआ
वो QA तो है, पर किसकी है
हर team में ग़दर बवाल हुआ
elegance की वो मूरत देख
दिल अपना भी कुछ cool हुआ
न जाने कैसे किस्मत से
project अपना schedule हुआ

वो P3 फाइल करती थी
मैं P1 सा निपटाता था
हर एक JIRA को उसके मैं
मानो सीने से लगाता था
वो कब आती और कब जाती
अंदाज़ा न लग पाता था
बस एक झलक उसकी लेके
दिनभर घिसता रह जाता था

scrum अपने लिए तो जैसे
ख्वाबों की कोई date सी थी
मेरे लिए जो थी कविता
उसकी daily-update ही थी
न जाने कितने blocker उसके
हंस-हंस कर हमने solve किये
पहले minor और फिर major
feature कितने evolve किये

फिर एक अचानक meeting में
madam ने कुछ announce किया
और सुनकर वो मनहूस खबर
दिल double धड़कन से bounce हुआ
जल्द ही कुछ हफ़्तों में उसे
हनीमून पे अपने जाना था

(थोड़ा रोया, फिर सोच कर हंसा)

जल्द ही कुछ हफ़्तों में उसे
हनीमून पे अपने जाना था

Janu की जगह Java होती
दिल coder का बच जाना था
Janu की जगह Java होती
दिल coder का बच जाना था …

मैं इंसान पुराना हूँ

मुझे रू-ब -रू मिलने का है शौक़
शायद इसलिए चैटिंग – वेट्टिंग से बेगाना हूँ
cell पे किटिर-पिटिर मेरी फितरत नहीं
मैं इंसान कुछ पुराना हूँ

आज भी ज़मीं पे गिरी किताब उठाकर
माथे से लगाने की आदत है
आज भी बारिशों में कागज़ के जहाज़ चलाता हूँ
शायद कहीं मैं वही बच्चा पुराना हूँ

हाँ अब नहीं होता ये प्यार-व्यार
उस एक बार के बाद
मै आज भी उसी का दीवाना हूँ
लोग कहते हैं मैं वाकई पुराना हूँ

बहुत लोग बदल गए इस ज़माने के साथ
पर आज भी मैं वो इंसान पुराना हूँ
आज़्मा लेना चाहे जब कभी बुलाकर
कोई ग़ैर नहीं, मैं तेरा यार पुराना हूँ

~@~

 

Khamosh Mohabbatein…

Hi All,

It was a long gap.. but yes I am back :).

Well how many times in your life you have felt like “Yes. She’s the one for me!” OR “If only, he could be my man.. “. I guess, at least more than once. Seriously, I am not talking about crushes… I am talking about the one-sided love where you start admiring Him/Her to an extent where you create a whole beautiful world around that person; but never dare to utter a word about your feelings – may be because you were not courageous enough – may be you don’t want to disturb her beautiful world with your interference … But still, you want him/her to just stay happy throughout the life.

This one is exactly about few of those whom I’ve met and seen. Enjoy. 🙂

~@~

देखा  था  कभी
एक  बच्चे  को
कड़ी  धूप  में  खड़े
स्कूल  के  आखिरी  दिन  की
आखिरी  बस  के  इंतज़ार  में
और  उसकी  आँखों  की  चमक
उस  एक  लड़की  के  दीदार  में

कॉपी  के  पन्नों  पर  जो
लाख  बार  लिख  के  फाड़ा
पर  न  बोली  वोह  बात
कभी  अपनी  जुबानी
बस  इतनी  सी  थी  एक
खामोश  मोहब्बत  की  कहानी |

कॉलेज  library   में
एक  पगली  का  घंटों  बिताना
कभी  बंद , कभी  उलटी  किताबों  से
अपनी  नज़रें  छुपाना

याद  है  उसकी  वोह  झूठी  सी  प्यास 🙂
चेहरे  पे  हया , और
हाथ  में  किसी  का  झूठा  गिलास
चार  साल  में  कुछ  भी
कह  न  पाई  दीवानी
फिर  अधूरी  रह  गयी  एक
खामोश  मोहब्बत  की  कहानी |

देखना  कभी  गौर  से
दूर  नहीं , यहीं  आस  पास
ऑफिस  के  cubicles  या
किसी  school  की  class
दिख  ही  जाएगी  कोई
अनकही  दास्ताँ  पुरानी
मासूम ..  खामोश  मोहब्बत  की  एक  कहानी |

~@~

Chutney

Hi People

You must have heard that sometimes loves makes you insane. This composition is one such chutney of expressions – where you have love & hatred, forgiveness and revenge… all at the same time.

You may assume that these lines are written a lover, who has been betrayed in love. I am sure you’ll be able to appreciate this mixture of emotions in the alternate paragraphs. Hope you’ll like it. 🙂

~~~

मंजिल  पर  पहुँच  के  एक  बार
तुमने  मुड़  के  किया  इशारा  एक  होता …
मार  के  ठोकर  एक  बार
हमें  अहंकार  से  ही  सही ,
निहारा  तो  होता …

कसम  से  निकाल  लेते  आँखें ,
और  खेल  लेते  गोटियाँ –
अगर  तेरा  चेहरा  हमें ,
इतना  प्यारा  न  होता ,
प्यारा  न  होता …

 

 

खेलते  रहे  तुम  दिल  से  मेरे
तोड़ने  से  पहले  कुछ  ख्याल  तो  किया  होता
और  तोड़  के  भी  मार  दी  उससे  ठोकर
“कहीं  तेरे  पैरों  में  ज़ख्म  न  हो जाए “,
कुछ  ऐसा  ख्याल  किया  होता …

न  पैर  छोड़ते  न  हाथ
सब  कुछ  तोड़  दिया  होता
माफ़  न  करते  हम  इसे –
गर  यह  आदत  तेरी  मुस्कान  का
सहारा  न  होता …

 

 

और

माँ  कसम   line  लगा  देते
हसीनाओं  की  अब  तक …
मगर  यह  मोहोब्बत  है  मेरी
वरना  अभी  तक  तेरे  इंतज़ार  में
यह  आशिक  कुंवारा  न  होता …

और  देदेनी  थी  hockey दो चार
बीच बाज़ार, तेरे  भाई  को –
बच  न  पता  रंगबाज़
अगर  वोह  साला  हमारा  न  होता …

~~~

😛

एक और जाम

पी तो मैंने बहुत है
बस एक और जाम पीने का मन करता है
ज़्यादा जीने का मन नहीं
बस एक और शाम जीने का मन करता है |

अभी बहका नहीं मै
अभी भी उसकी बेवफाई याद है
पिलाता जा ऐ साकी तू –
आज उसे भूल जाने का मन करता है |

एक चेहरा नया –
जिसे हर पल देखने का मन करता है
कुछ उसकी कुछ अपनी
सुनने सुनाने का मन करता है |

उस नए चेहरे को
दिल में बसाने का मन करता है
जो बात अभी दिल में है
उसे होंठो पे लाने का मन करता है |

सितम तो बहुत सहे दरिया – ए – इश्क में हमने –
बस एक बार और इसे पार करने का मन करता है
बस तेरे लिए , आखिरी बार
यह ज़ख्म फिर से लेने का मन करता है –
बस एक बार और खुद को आज़माने का मन करता है |

पी तो मैंने बहुत है
बस एक और जाम पीने का मन करता है
ज़्यादा जीने का मन नहीं
बस एक और शाम जीने का मन करता है |

P.S.: This composition has already been published. Hence any usage of this content without prior permission shall be purely illegal.

~खिलौना~

अरे !
तुमने  तोड़  दिया ?
पूछा  भी  नहीं …
और  छोड़  दिया ?
तुम्हारा  ही  था …
मैंने  दिया  था  तुम्हें –
यह  सोच  के  तुम  अपनी हो,
उसे  संभालोगी ,
क्या  पता  था बेरहम
यूँ  खेल डालोगी…
एक  बार …
सोचा  होता –
वोह  मेरा  नहीं
अगर तेरा  होता …?
अब  तोड़  दिया  है  तो
अश्क  मत  बहाना –
खिलौना  था  वोह
एक और  खरीद  लाना |
दिल  बहुत  बिकते  हैं –
दुनिया  के  बाज़ार  में ,
पर  जहां  हम  बीके
उस  बाज़ार  मत  जाना … |
वोह  हम थे
जो  बिक  गए
तेरे  प्यार  के  बदले
कभी  गौर  से  देखना
बड़ा  जालिम  ज़माना  है  |

लोग  पूछें  अगर –
“कहाँ  तेरा  दीवाना  है ?”
बोलना –
“फनाह  होगया  मेरा  आशिक
मेरी  ही  मोहब्बत  में ..”
क्या  करें  ज़माने  ने –
तेरे  इश्क  को  खुदा  माना है …

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PS: The above composition has been self mailed at a prior date. Hence any usage of the above without permission shall be illegal.

ये जो यादें हैं …

ये  जो  यादें  हैं
ये  क्यूँ  तू हो  नहीं  सकती …?
जो  हो  सकती , तू  गर  एक  याद
मेरे  दिल  में  तू  बस  सकती …

ये  जो  यादें  हैं
ये  क्यूँ  तू हो  नहीं सकती …?

जो  हो  सकती , तू  गर  एक  याद
ख़्वाबों  की  ज़रुरत  क्या …
बंद  करता  मै  जब  भी  आँख
तू  मेरे  साथ  हो  सकती …

ये  जो  यादें  हैं
ये  क्यूँ  तू हो  नहीं सकती …?

तू  मेरी  न  सही ,
तेरी  हर  याद  मेरी  है ,
पर जो  यादों  में  है  सूरत  वो …
क्यूँ  हाथों  में  न  हो  सकती …

ये  जो  यादें  हैं
ये  क्यूँ  तू हो  नहीं सकती …?

यह  जो  यादें  हैं …
काश  यह  सच  हो  सकती …
तू  होती  सामने  अगर
तो मेरे  दिल  को  पढ़  सकती …

मगर  मै  जानता  हूँ –
की  हर  मन्नत  सच , हो  नहीं  सकती …..
तू  याद  नहीं  एक  ख्वाब  है –
इस  जिंदगी  में  सच तू हो  नहीं  सकती ….

ये  जो  यादें  हैं
ये  क्यूँ  तू  हो  नहीं सकती …?

P.S.: The above composition has already been published. Hence any usage of above, without prior permission shall be illegal.